नियमसंगत पैमाइश के बाद विवाद करने वालों के विरुद्ध कठोरता से करें कार्रवाई: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का निर्देश, चकबन्दी के मामलों की समीक्षा करें, जहां लंबित, वहां सावधानी के साथ तत्काल पूरा कराएं काम
90 लाख से अधिक घरौनियाँ तैयार, 59 लाख से अधिक वितरित, शेष को शीघ्र मिलेगी घरौनी
राजस्व परिषद और राजस्व विभाग को सुदृढ़ बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर, कहा नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम (न्यायिक) कानून गो और लेखपाल के खाली पदों पर शीघ्र हो चयन
मंडलायुक्त तहसीलों/जिलों तथा ज़ोन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने क्षेत्राधीन सरकारी कार्यालयों/थानों/मालखानों का औचक निरीक्षण करें: मुख्यमंत्री
फील्ड में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों का बना रहे जनता से संवाद, परेशानियां सुनें और मेरिट पर समाधान कराएं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का निर्देश, अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई जारी रखें, जीरो पॉइंट पर कार्रवाई बेहतर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नामांतरण, पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार तथा भूमि उपयोग से जुड़े मामलों के तत्काल निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी, एसडीएम और तहसीलदार अपने क्षेत्र में ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित करें और तेजी के साथ निर्णय लेते हुए यथोचित समाधान कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आम आदमी के हितों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले मामले हैं, हर हाल में इनका समयबद्ध निस्तारण होना ही चाहिए। व्यापक जनमहत्व के इन मामलों के अनावश्यक लंबित रहने पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए हैं।
सोमवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व, पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को और लोकोपयोगी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार जैसे जनता से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों का जनता से सतत संवाद बना रहना चाहिए। लोगों की परेशानियों को सुनें और एक तय समय सीमा के भीतर मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडलायुक्त तहसीलों/जिलों तथा ज़ोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधीन सरकारी कार्यालयों/थानों/मालखानों का औचक निरीक्षण करें।
भूमि/भवन आदि पर अवैध कब्जा करने वालों के साथ पूरी कठोरता से कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को ऐसे सभी मामलों को सूचीबद्ध करते हुए अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। इसमें जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई की जाए। कब्जा हटाने की कार्रवाई के साथ ही अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी पंजीकृत कराया जाए।
चकबन्दी के मामलों को लेकर होने वाले विवादों का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने चकबन्दी कार्यों के गहन समीक्षा की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी चकबन्दी हो रही है, अथवा लंबित है, उसे सावधानी के साथ नियमों के अनुरूप किया जाए। एक निश्चित समय-सीमा में यह सभी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। ग्रामीण क्षेत्र में पैमाइश के मामलों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पैमाइश का कार्य पूरी गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। प्रकरण के निस्तारित होने के बाद दोबारा अवैध कब्जा करने वाली हर गतिविधि के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई करें।
जनहित के दृष्टिगत राजस्व परिषद की महत्ता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद तथा राजस्व विभाग को और सुदृढ़ बनाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम (न्यायिक),कानूनगो और लेखपाल के रिक्त सभी पदों को यथाशीघ्र भरा जाए। उन्होंने जनपदों के मानचित्र को अपडेट करने के भी निर्देश दिए। वहीं, अवैध खनन की गतिविधियों रोकने के लिए अलर्ट रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए ‘जीरो पॉइंट’ पर ही कार्रवाई किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई पूरी तैयारी से हो और एक व्यवस्थित टास्कफोर्स द्वारा ही की जाए।