इटानगर, 01 फरवरी (हि.स.)। भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ हाल ही में जारी नोटिस के मद्देनजर अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन (एएसी) ने मुख्यमंत्री खांडू से नैतिक आधार पर पद छोड़ने की मांग की है।
आज यहां अरुणाचल प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए एएसी के प्रवक्ता बीरेंद्र तालोंग ने बताया कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एनजीओ सेव मोन रीजन फेडरेशन और वॉलेंटरी अरुणाचल सेना द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अरुणाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
एएसी ने न्यायालय ने आरोपों का जवाब देने और उसकी जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने के आदेश पर खुशी जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय के कदमों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम (एएसी) लंबे समय से राज्य के भ्रष्टाचार और वित्त के दुरप्रयोग के खिलाफ लड़ रहे हैं और हमने दिल्ली तक पैदल मार्च भी किया था। हमें सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से चल रहे मामले के नतीजे सामने आए और अदालत ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों को सार्वजनिक कार्यों के ठेके देने के मामले में सीबीआई या एसआईटी से तथ्य का पता लगाने के लिए नोटिस जारी किया है।
एएसी ने कहा हम किसी भी जांच एजेंसी से पारदर्शितापूर्ण जांच की मांग करते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री पेमा खांडू को अपने पद से तुरंत हट जाना चाहिए, क्योंकि मामला या जांच उनके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अगर पेमा खांडू मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे रहे तो वह जांच में बाधा डालेंगे और किसी भी जांच एजेंसी की जांच सुचारू रूप से नहीं हो सकेगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री खांडू जीरो टॉलरेंस में विश्वास रखते हैं तो उन्हें नैतिक आधार पर पद छोड़ देना चाहिए और जांच एजेंसी को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच करने देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि सर्वोच्च न्यायालय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में न्याय देगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने गत 29 जनवरी को नोटिस जारी किया है और मौजूदा मुख्यमंत्री पेमा खांडू के रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली कंपनियों को सार्वजनिक ठेकों के कथित अनियमित आवंटन की सीबीआई या एसआईटी जांच का निर्देश दिए हैं।