Thursday , 26 December 2024

धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के तहत बीएसए की गिरफ्तारी पर रोक

प्रयागराज, 29 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार त्रिपाठी की जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर थाने में दर्ज एफआईआर के तहत विवेचना में सहयोग की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति गजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने प्रवीण कुमार त्रिपाठी की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची का कहना है कि जब वह जौनपुर में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पर पर तैनात था, उस समय जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर के कोविड 19 से पीड़ित होने के कारण इस पद का प्रभार था।

हिंदू इंटर कालेज मुंगरा बादशाहपुर की प्रबंध समिति का चुनाव उसकी व संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी की निगरानी में सम्पन्न हुआ। याची ने पद का दायित्व निभाते हुए नव निर्वाचित प्रबंधक का हस्ताक्षर सत्यापित किया। शिकायतकर्ता ने धारा 156(3) के तहत षड्यंत्र धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की अदालत में अर्जी दी जिस पर प्रश्नगत एफआईआर दर्ज की गई है।

याची का यह भी कहना है कि इस मामले में उसके खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई। वह सरकारी सेवक है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकार की अनुमति लिए बगैर उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती। प्राथमिकी झूठी है, केवल उसे परेशान करने के लिए है। प्रबंध समिति चुनाव में कुछ अवैध हुआ है तो शिकायतकर्ता को कानून के तहत चुनौती देने का अधिकार है। याची ने पद दायित्व निभाया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। इसलिए एफआईआर रद्द की जाय। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

Check Also

दिव्यांगजन शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना देने की योगी सरकार ने मांगा आवेदन 

प्रयागराज, । योगी सरकार ने दिव्यांगजन शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का लाभ देने के लिए …