Thursday , 26 December 2024

बरसात के मौसम में पेट संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक रहता है; एक्सपर्ट्स ने दिए खास टिप्स

आइए जानें कि मानसून के दौरान गैस्ट्रिक समस्याओं से निपटने और आंतों को स्वस्थ रखने के लिए क्या विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए…..

बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग मानसून के दौरान एसिडिटी, अपच, मतली और उल्टी, कब्ज, पेट दर्द, दस्त, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) और सूजन से पीड़ित हैं। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में गैस्ट्रिक समस्याओं से निपटने और आंतों को स्वस्थ रखने के लिए विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए

नवी मुंबई में पेट विकार विशेषज्ञ, हेपेटोलॉजिस्ट और चिकित्सीय एंडोस्कोपिस्ट डॉ. रावसाहेब राठौड़ के अनुसार, मानसून के दौरान बढ़ी हुई नमी पाचन को धीमा कर देती है। इसलिए, किसी का पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और इस प्रकार बारिश के मौसम में पाचन संबंधी समस्याओं में वृद्धि देखी जाती है। दूषित भोजन और पानी गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकता है, जो पेट और आंतों में सूजन का कारण बनता है। इसके अलावा पेट में दर्द और दर्द, पेट फूलना, मतली और उल्टी, कब्ज, एसिडिटी, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), दस्त, खुला खाना या कीटाणुओं और बैक्टीरिया युक्त बासी खाना खाने से बच्चों को जहर होने की संभावना अधिक होती है। मानसून के दौरान पेट को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए इन महत्वपूर्ण उपायों का पालन करना जरूरी है।

मानसून के दौरान पेट की समस्याओं से बचने के उपाय:

  • उबले पानी का सेवन करें। मानसून के दौरान सीधे नल का पानी पीना अच्छा नहीं है क्योंकि यह दूषित हो सकता है। जब भी आपको बाहर जाना हो तो उबला हुआ पानी अपने साथ रखें। जल शोधक का प्रयोग करें और प्रतिदिन कम से कम 12-14 गिलास पानी पियें।
  • अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। अपने आहार में दही, छाछ शामिल करें।
  • कच्ची सब्जियाँ न खाएँ। आप अपने सलाद के लिए जिन कच्ची सब्जियों का उपयोग करते हैं उनमें बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं जो आपको पेट में संक्रमण का शिकार बना सकते हैं। बेहतर है कि सब्जियों को ठीक से पकाएं और फिर उनका सेवन करें। इसके अलावा, मानसून के दौरान समुद्री भोजन का सेवन करना भी उपयुक्त नहीं है क्योंकि इससे पेट खराब हो सकता है।
  • गंदे इलाकों और खुले में बने दूषित भोजन के सेवन से बचें। तले हुए और मसालेदार भोजन का सेवन पाचन प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।
  • हल्का आहार लें और ताजा घर का बना खाना खाएं जिसमें कम से कम तेल हो और फलों और सब्जियों को खाने से पहले पानी से धो लें।
  • बेक किया हुआ सामान, मिठाइयाँ, कैंडीज़ और सोडियम युक्त पेय सभी आपके पेट के स्वास्थ्य पर कहर ढा सकते हैं। सोडियम युक्त ये खाद्य पदार्थ और पेय आपकी आंत में जलन पैदा कर सकते हैं।
  • आर्द्र वातावरण में भोजन का भंडारण करने से संदूषण और ख़राबी हो सकती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि भोजन को ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

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