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माघ मेला : नारायणाचार्य को जगद्गुरु रामानुजाचार्य की मिली उपाधि

प्रयागराज, 07 फरवरी (हि.स.)। माघ मेला क्षेत्र स्थित प्रयाग पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य श्री वैकुण्ठ धाम आश्रम के शिविर में बुधवार को श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर नारायणाचार्य शांडिल्य का पट्टाभिषेक किया गया। इस मौके पर स्वामी श्रीधराचार्य की ओर से शांडिल्य को “जगद्गुरु रामानुजाचार्य“ पद पर अलंकृत किया गया।

नारायणाचार्य को उत्तरीय ओढ़ाकर श्रीधराचार्य महाराज के साथ काशी सुमेरू पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानन्द सरस्वती ने “जगद्गुरु रामानुजाचार्य“ की उपाधि प्रदान करने के साथ मंगल शासन, सनातन धर्म के रक्षा की अपेक्षा की।

इसके पूर्व मंगलाचरण पूजन के साथ स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें काशी सुमेरू पीठाधीश्वर नरेन्द्रानन्द सरस्वती एवं जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य ने उत्तरीय ओढ़ाकर नारायणाचार्य शांडिल्य का पट्टाभिषेक किया।

इसके बाद विद्याभाष्कर महाराज, घनश्यामाचार्य महाराज, खटला मठ के स्वामी, रामेश्वराचार्य महाराज, नरसिंह मंदिर के सुदर्शनाचार्य महाराज, सच्चा आश्रम के चन्द्रदेव महाराज आदि ने नारायणाचार्य शांडिल्य को शाल ओढ़ाकर आशीर्वचन मंत्रोचार के साथ उन्हें जगद्गुरु रामानुजाचार्य पद पर सुशोभित किया। साथ ही जगद्गुरु नारायणाचार्य शांडिल्य के भक्तों ने माला पहना व शाल ओढ़ाकर उन्हें जगद्गुरु होने की बधाई दी।

इस अवसर पर जगद्गुरु नारायणाचार्य शांडिल्य ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा एवं उसके प्रसार को लेकर यह बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है। इस जिम्मेदारी को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगें। तत्पश्चात् शोभायात्रा माघ मेला शिविर से निकलकर संगम नोज पहुंची। वहां गंगा-पूजन कर जगद्गुरु नारायणाचार्य शांडिल्य ने लेटे हुये हनुमान जी का आशीर्वाद लेने पहुँचे। वहां से शोभा यात्रा भरद्वाज मुनि आश्रम पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया। श्रृंगवेरपुर के रास्ते में कौड़िहार के पास लालता प्रसाद तिवारी स्मारक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में विद्यालय परिवार की ओर से जगद्गुरू शांडिल्य का स्वागत किया गया। शोभा यात्रा श्रृंगवेरपुर आश्रम पहुंचकर आरती के साथ सम्पन्न हुई।

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