नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने आतंकी मॉड्यूल अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) की जांच के लिए 90 दिनों की समय सीमा बढ़ा दी है। हाई कोर्ट ने 19 नवंबर को एक्यूआईएस की जांच के लिए और समय दिए जाने से इनकार करने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर इस मामले के 11 आरोपितों को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, इस मामले में जांच के लिए 90 दिन का समय 19 नवंबर को पूरा हो रहा था। दिल्ली पुलिस ने जांच पूरी न होने का हवाला देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच के लिए और समय देने की मांग की थी, लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को और समय देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट का रुख किया था। इस आज दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्यूआईएस की जांच के लिए समय सीमा बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसी साल अगस्त में झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर 17 ठिकानों पर दबिश के दौरान 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक इस आतंकी मॉड्यूल का नेतृत्व रांची का रहने वाला डॉ. इश्तियाक कर रहा था। पकड़े गए आरोपितों में डॉ. इश्तियाक के अलावा एनामुल अंसारी, शाहबाज अंसारी, अल्ताफ अंसारी, हसन अंसारी, अर्शद खान, उमर फारुक, मोहम्मद रिजवान, मोतिउर रहमान, रहमतुल्लाह और फैजान अहमद हैं। इनमें हसन अंसारी, एनामुल अंसारी, अल्ताफ अंसारी, अरशद खान, उमर फारुक और शाहबाज अंसारी झारखंड के निवासी हैं और वे कुछ दिनों से राजस्थान के भिवाड़ी में रहकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे।
पुलिस ने गिरफ्तारी के समय इनके पास से एक एके-47 राइफल, एक .38 बोर की रिवाल्वर, .38 बोर के छह रिवाल्वर, .32 बोर के 30 जिंदा कारतूस, एके-47 के 30 जिंदा कारतूस और कई दूसरे हथियार और साहित्य बरामद किए थे।