Tuesday , 14 January 2025

इंडिया ब्लॉक के भविष्य पर सवाल: उमर अब्दुल्ला बोले, …तो बंद करो इंडिया ब्लॉक

श्रीनगर (ईएमएस)। इंडिया ब्लॉक, जो लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों के एकजुट मोर्चे के रूप में उभरा था, अब अपने भविष्य को लेकर सवालों के घेरे में है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने इंडिया ब्लॉक की कार्यशैली और दिशा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि गठबंधन की कोई बैठक नहीं हो रही है और इसका नेतृत्व और एजेंडा अभी तक स्पष्ट नहीं है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंडिया ब्लॉक की बैठकें नहीं हो रही हैं। इसका नेतृत्व कौन करेगा? इसका एजेंडा क्या होगा? गठबंधन कैसे आगे बढ़ेगा? इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। हमें यह भी नहीं पता कि हम सभी दल एकजुट रहेंगे या नहीं। अगर यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों तक सीमित था, तो इसे बंद कर देना चाहिए। लेकिन अगर इसे विधानसभा चुनावों में भी जारी रखना है, तो स्पष्टता और एकजुटता जरूरी है।

हाल के दिनों में इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेताओं के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आई हैं। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और अब उमर अब्दुल्ला के बयानों से यह साफ है कि गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल बढ़ रहे हैं। इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक शुरू से ही लोकसभा चुनावों तक के लिए बना था। उन्होंने कहा, बिहार में तो हम शुरू से साथ रहे हैं, लेकिन दिल्ली में चुनाव लड़ने को लेकर हमारी पार्टी ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है।

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की तारीफ की और कहा, दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आप सरकार ने शानदार काम किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि दिल्ली के लोग एक बार फिर आम आदमी पार्टी को मौका देंगे। समाजवादी पार्टी हर स्थिति में आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की उम्मीद जताई। टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कहा, हम चाहते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी फिर से सरकार बनाए और बीजेपी को हराया जाए। हालांकि, दिल्ली में कांग्रेस भी चुनाव लड़ रही है, लेकिन टीएमसी को कांग्रेस से किसी मजबूत चुनौती की उम्मीद नहीं है।

अब यह देखना होगा कि क्या इंडिया ब्लॉक अपनी संरचना और नेतृत्व में सुधार कर आगे बढ़ पाता है या यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक सीमित रहेगा। उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओं के सवालों के बीच गठबंधन का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है।

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