नई दिल्ली । दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के दोषी तांत्रिक को 20 साल की सश्रम कैद और 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। एडिशनल सेशंस जज अदिति गर्ग ने ये आदेश दिया। कोर्ट ने 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ ही पीड़ित लड़की को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
तांत्रिक पर आरोप है कि वो नाबालिग के भाई का गुप्त तरीके से इलाज के बहाने नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया। कोर्ट ने तांत्रिक को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और भारतीय दंड संहिता की धारा 363 का दोषी करार देते हुए सजा देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील योगिता कौशिक दहिया ने कोर्ट से इस मामले में अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि आरोपित नाबालिग लड़की के भाई की झाड़-फूंक के जरिये इलाज करने के बहाने लड़की का 2018 में लगातार यौन शोषण किया।
कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के मामले में तांत्रिक को 20 साल की सश्रम कैद जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के मामले में तीन साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में बच्चे का हित सर्वोपरि है और ऐसी घटनाओं का पूरे समाज पर असर पड़ता है। कोर्ट ने कहा कि कानून, कोर्ट के फैसलों और अंतर्राष्ट्रीय घोषणाओं में बच्चों को सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति माना गया है और किसी भी राष्ट्र का भविष्य बच्चों के विकास पर निर्भर करता है।