नई दिल्ली । संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष की ओर से किए गए व्यवधानों के कारण संसद की उत्पादकता में कमी आई है। सरकार ने संसद को चलाने के लिए बहुत प्रयास किया। वे विपक्ष से अपेक्षा और अनुरोध करते हैं कि वह बजट सत्र में इस तरह की गड़बड़ी पैदा न करें।
संसदीय कार्यमंत्री ने दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संसद में हुए कामकाज का ब्यौरा मीडिया के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि इस सत्र में लोकसभा में 4 और राज्यसभा में 3 विधेयक पारित किए गए।
इस दौरान रिजिजू ने संसद में कल हुई धक्का मुक्की घटना की निंदा की । उन्होंने कहा कि आज लोकसभा अध्यक्ष ने संसद में अनुशासन बनाए रखने को लेकर एक नोटिस जारी किया है।
उन्होंने बताया कि संसद के इस सत्र में 26 दिनों में लोकसभा की 20 और राज्यसभा की 19 बैठकें हुईं। लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 4 और 3 विधेयक पारित किये गये।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच एक देश-एक चुनाव से जुड़ा 129वां संविधान संशोधन विधेयक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर शोर-शराबा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कानूनमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त कार्य समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। हंगामे के बीच प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर सदन की अनुमति प्रदान की गई। जेपीसी में 39 सदस्य हैं, जिनमें से 27 सदस्य लोकसभा और 12 राज्यसभा से हैं।
वहीं राज्यसभा भी आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। शुक्रवार को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही को पहले दोपहर 12 बजे तक और बाद में दिनभर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए राज्यसभा के 12 सांसद को नामित किया गया।
लोकसभा – शीतकालीन सत्र एक नजर
अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के अंतिम दिन लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। 25 नवंबर से शुरू हुए सत्र में 20 बैठकें हुईं और 62 घंटे कामकाज हुआ।
लोक सभा की 20 बैठकें हुईं जो लगभग 62 घंटे तक चलीं। अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के दौरान उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही। भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर को शुरू हुई और 14 दिसंबर को समाप्त हुई। सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए।
इसके अलावा शून्य काल के दौरान 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए। नियम 377 के अधीन कुल 397 मामले उठाए गए। 28 नवंबर को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली।
राज्यसभा – शीतकालीन सत्र एक नजर
शुक्रवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि इस सत्र की उत्पादकता मात्र 40.03 प्रतिशत है, जिसमें केवल 43 घंटे और 27 मिनट ही प्रभावी कामकाज हुआ।
इस सत्र में तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक और बॉयलर्स विधेयक 2024 पारित किया गया और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ।