गुवाहाटी(ईएमएस)।असम-मेघालय सीमा पर दीमा हसाओ क्षेत्र में स्थित कोयला खदान में बीते करीब तीन दिन से फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव अभियान (एचएडीआर) में बुधवार को सेना व अन्य सुरक्षाबलों के साथ भारतीय नौसेना की टीम भी शामिल हो गई है। वहीं, सेना के विशेष कमांडो दस्ते ‘21 पैराएसएफ’ के गोताखोरों की टीम ने एक शव को बरामद किया है। जबकि अन्य के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां बता दें कि पिछले सोमवार को लगभग 300 फीट गहरी इस कोयला खदान में अचानक पानी भरने से यह हादसा हो गया था। जिसके बाद खदान में 15 से 20 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। नौसेना ने बताया कि वायुसेना के विमान की मदद से बीते मंगलवार को उनकी कुल 12 सदस्यीय टीम (1 अधिकारी और 11 नाविक) अपने तमाम जरूरी उपकरणों के साथ विशाखापट्टनम से दीमा हसाओ पहुंच गई थी। बल का यह वह बेहद प्रशिक्षित दस्ता है। जिसे गहराई में गोताखोरी और बचाव अभियान चलाने का अनुभव हासिल है।
समन्वय संग होता सूचना का आदान-प्रदान
नौसेना की बचाव टीम जिन उपकरणों को अपने साथ लेकर गई है। उनमें डीप डाइविंग गियर और पानी के अंदर काम करने वाले रिमोटली आपरेटेड वाहन (आरओवी) मुख्य हैं। बचाव अभियान को नौसेना भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ निकट समन्वय स्थापित कर चला रही है। फिलहाल अभियान में जुटी सभी एजेंसियों के बीच बेहतर और समयबद्ध अभियान को लेकर लगातार जरूरी सूचना का आदान-प्रदान किया जा रहा है। नौसेना ने मुश्किल की इस घड़ी में अपनी ओर से तीव्र सहायता प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की है। जो आपातकालीन परिस्थितियों के बीच लोगों की जान बचाने के उसके जज्बे को प्रदर्शित करता है।
पानी कम होने पर पता चलेगी असली संख्या
उधर, असम के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने कहा कि आज एक शव बरामद हुआ है। सेना की एक टीम फिर से खदान में उतरी है। नौसेना की टीम भी जाएगी। हमने खदान से पानी को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि खदान के अंदर 10 से 12 लोग फंसे हुए हैं। लेकिन जब पानी का स्तर कम हो जाएगा। तभी हम सही संख्या बताने की स्थिति में होंगे।