मुरादाबाद, 01 फरवरी (हि.स.)। विश्व विख्यात संत व रामकथा के मानस मर्मज्ञ रमेश भाई ओझा ने रामकथा की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि अपने जीवन को गंगा जैसा पवित्र बनाएं।
रमेश भाई ओझा ने कहा कि रामनगरी अयोध्या में जो भव्य मंदिर बना है, उसका अभी और विकास होना हैं। उसमें अभी बहुत सी चीजें और जुड़नी है। भक्तों को भगवान श्री राम के बालरूप के दर्शन हुए हैं, आगे भविष्य में अभी और सजीव दर्शन करने को हमें मिलेंगे।
वह यह बातें लोहिया मानव कल्याण ट्रस्ट, श्री राम बालाजी धाम बाबा नीम करोली आश्रम ट्रस्ट, लाला ओम प्रकाश अग्रवाल मेमोरियल ट्रस्ट एवं श्री राम कथामृत महोत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में खुशहालपुर ब्रेड फैक्ट्री के पास गुरुवार को श्रीराम कथा सुनाते हुए कही।
उन्होंने कहा की मोह, काम, क्रोध, ईर्ष्या इन सभी का साम्राज्य हमारे जीवन पर है। जिंदगी की जमीन अभी दुर्गुणों के कब्जे में हैं। आज आवश्यकता हैं कि जिंदगी के जीवन को इन सभी से मुक्त कराकर उस पर एक मंदिर का निर्माण करें।
कथा व्यास ने कहा कि हमें अपने जीवन को भी दुर्गुणों से बचाना है, उसके लिए हमें संघर्ष करना भी जरूरी है और अध्यात्म की दृष्टि से अपनी जिंदगी को दुर्गुणों से मुक्त करायें, उसके बाद अपनी देह को देवालय बनायें।
राम कथा स्थल पर ही मुरादाबाद के कथा व्यास दीपक कृष्ण उपाध्याय के मार्गदर्शन में नौ ब्राह्मण के द्वारा श्री रामचरितमानस का पाठ भी प्रारंभ हो गया। कथा के आज प्रथम दिन अति विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष जगदीश मित्तल एवं क्रिस्टल ग्रुप के नंदकिशोर अग्रवाल रहे।