मथुरा, 15 फरवरी (हि.स.)। अमेरिकी राजदूत एरिक माइकल गार्सेटी गुरुवार को फरह स्थित हाथी संरक्षण केन्द्र और कीठम के भालू संरक्षण केन्द्र परिवार सहित पहुंचे। उन्होंने रिफ्यूज टू राइड कैंपेन को अपना समर्थन देते हुए हाथियों के इलाज के बारे में जाना। हथिनी लक्ष्मी के साथ प्रशिक्षण सत्र देखा तथा भालुओं के देखभाल और पुनर्वास के बारे में जानकारी ली।
गौरतलब है कि एरिक माइकल गार्सेटी एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत में अमेरिकी राजदूत हैं। उन्होंने लॉस एंजिल्स के मेयर भी रहे हैं। भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में उनका नामांकन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा किया गया था। अपने परिवार के साथ उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल में हथिनी जिंजर का नियमित उपचार और लेजर थेरेपी देखा। हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हथिनी लक्ष्मी के साथ प्रशिक्षण सत्र देखा। बंदी हाथियों को होने वाली स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के बारे में जाना। घायल एवं वृद्ध हाथियों के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से मुलाकात की। भालू संरक्षण केंद्र में रह रहे स्लॉथ भालुओं को देखा। उनकी देखभाल और पुनर्वास के बारे में जाना। हाथी अस्पताल में उन्होंने पौधा भी लगाया।
दोनों ही स्थानों की विजिट करने के बाद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा, ‘वाइल्डलाइफ एसओएस संरक्षण का वास्तविक मॉडल है, जहां वह न केवल जानवरों और प्रकृति के बारे में, बल्कि मनुष्यों के बारे में भी सोचते हैं। हमें ऐसे मिशन के साथ एक एनजीओ के साथ साझेदारी करने पर गर्व है और मैं अपनी बेटी के साथ वालंटियर के रूप में यहां वापस आने के लिए उत्सुक हूं। हम एक ऐसी दुनिया के लिए अपने प्रयास जारी रखें, जिसमें सभी प्राणियों का सम्मान किया जाए और उन्हें वह स्वतंत्रता मिले, जिसके वह हकदार हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि एशियाई हाथियों और स्लॉथ भालुओं के संरक्षण के हमारे मिशन में एरिक गार्सेटी का समर्थन पाकर हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस में हमारा उद्देश्य बचाए गए जानवरों को जीवन जीने का दूसरा मौका प्रदान करते हुए शिक्षा के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना है। हम हमारे उद्देश्य के लिए उनके निरंतर समर्थन की आशा करते हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा कि वाइल्डलाइफ एसओएस में, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बचाए गए जानवरों को स्वतंत्रता और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करना है, जिससे वे अपने प्राकृतिक स्वरूप को फिर से जान सकें।