नई दिल्ली (ईएमएस)। कई बार ऐसा होता हैं कि कहीं बैठे हम जिस चीज के बारे में बात कर रहे होते हैं, तभी उसी चींज से जुड़ा विज्ञापन हमें फोन पर दिखाने लगाता है। ये काफी शॉकिंग होता है, क्योंकि जब कुछ सर्च ही नहीं किया, तब उस बात से जुड़ा विज्ञापन कैसे दिखाने लगा। इसका सीधा मतलब है कि फोन हमारी बातें सुन रहा है। इससे जुड़ी एक डराने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने वेरिफाई किया है कि स्मार्टफोन न सिर्फ यूजर्स की इंटरनेट एक्टिविटी पर न सिर्फ नजर रख रहे हैं, बल्कि जब आप अपने फोन के पास होते हैं, तब सक्रिय रूप से आपके बोले गए शब्दों को भी सुनते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब भी यूजर कोई नया एप डाउनलोड करते हैं, तब एप आप से कई परमिशन मांगता है। लोग बिना पढ़े एप की परमिशन को लागू कर देते हैं। इसमें माइक्रोफोन के लिए परमिशन मांगी जाती है। एप फिर एक्टिव लिस्निंग एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके फोन के माइक के जरिए लोगों की बातें सुनते हैं। रिपोर्ट में दावा है कि ऐसा सिर्फ छोटे एप नहीं बल्कि फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियां भी कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा सिर्फ आपके स्मार्टफोन के साथ नहीं है बल्कि आपके घर के स्मार्ट डिवाइस भी ऐसा ही कर रहे हैं। फोन सहित कोई भी स्मार्ट डिवाइस आपकी रियल टाइम रिकॉर्ड की गई बातचीत को एआई की मदद से उनकी सर्च हिस्ट्री से मैच किया जाता है। इसके बाद यूज़र को उसी से जुड़े विज्ञापन दिखाई देने लग जाते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कॉक्स मीडिया ग्रुप ने ऐसी तकनीक बनाई है जो स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी और दूसरे गैजेट्स में पाए जाने वाले माइक्रोफोन का इस्तेमाल करके बैकग्राउंड चैट को देख सकती है और उनका विश्लेषण कर सकती है।