प्रयागराज, 13 फरवरी (हि.स.)। आईएएस-पीसीएस की फैक्टरी के रूप में जानी जाने वाली इलाहाबाद यूनिवसिर्टी में अब उद्यमी तैयार होंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के दूरदर्शी प्रयास से यह सम्भव हो पाया है। वर्तमान में बीएसई, मुम्बई के विशेषज्ञ भी इन्क्यूवेशन सेंटर से जुड़कर विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के गुर सिखा रहे हैं।
इविवि की पीआरओ डॉ जया कपूर ने बताया कि पूरब के आक्सफोर्ड के नाम से मशहूर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने नित नए आयाम गढ़े हैं। इसी दिशा में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ईश्वर टोपा भवन में इन्क्यूवेशन सेंटर स्थापित किया गया है। इसके साथ ही कम्पनी अधिनियम के तहत इस केंद्र में ‘नवकल्पना इनोवेशन एंड अंतरप्रन्योरशिप फाउंडेशन’ के नाम से एक कम्पनी पंजीकृत की गई है।
केंद्र समन्यवक डॉ. शैफाली नंदन ने बताया कि इन्क्यूवेशन सेंटर वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है और कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस जरूरत को समझा। उन्होंने ही विश्वविद्यालय में इन्क्यूवेशन सेल के नाम से उद्यमिता का बीज बोया। विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के गुर सिखाने के लिए बीएसई के विशेषज्ञ भी इन्क्यूवेशन सेल से जुड़ चुके हैं।
–शिक्षक भी पढ़ रहे उद्यमियता का पाठ
इन्क्यूवेशन सेल ने गुरू प्रेरिवेन्शन के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें शिक्षकों को उद्यमिता के बारे में प्रेरित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को भी प्रेरित करना है कि विद्यार्थियों में उद्यमशीलता का बीज बोएं। इन्क्यूवेशन सेंटर की ओर से स्टार्टअप मेले का आयोजन किया गया। इसमें बाहरी लोगों को अपने स्टार्टअप के बारे में बताने एवं दिखाने का मौका दिया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
–इन्क्यूवेशन सेंटर में कम्पनी भी पंजीकृत
इन्क्यूवेशन सेंटर के अंतर्गत अब ‘नवकल्पना इनोवेशन एंड अंतरप्रन्योरशिप फाउंडेशन’ के नाम से एक कम्पनी को भी पंजीकृत किया गया है, ताकि बाहरी लोगों को भी इस केंद्र का लाभ मिल सके। इन्क्यूवेशन केंद्र की समन्यवक डॉ. शैफाली नंदन ने बताया कि कैंपस के विद्यार्थियों को कैंपस में इन्क्यूवेशन केंद के सदस्य विभिन्न कार्यशालाओं से उद्यमशीलता के लिए प्रेरित कर रहे हैं। बहुत जल्द केंद्र की ओर से स्टार्टअप को अपना व्यवसाय स्थापित करने में सहयोग देना शुरू कर दिया जाएगा।