नई दिल्ली (हि.स.)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पाकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखरवार्ता में प्रतिभाग करने के बाद बुधवार को स्वदेश लौट आए। उन्होंने एक्स पोस्ट में यह जानकारी दी।
जयशंकर ने बताया कि एससीओ शासनाध्यक्षों (सीएचजी) की परिषद की एक सार्थक बैठक आज इस्लामाबाद में संपन्न हुई। भारतीय परिप्रेक्ष्य से बैठक में 8 प्रमुख निष्कर्ष निकले हैं। इसमें डब्ल्यूटीओ को मूल में रखते हुए नियम आधारित, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर फिर से जोर दिया गया। बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर करने वाले और वैश्विक सतत विकास में बाधा डालने वाली संरक्षणवादी कार्रवाइयों, एकतरफा प्रतिबंधों और व्यापार प्रतिबंधों का विरोध किया गया। इसके साथ ही भारत ने एससीओ सीएचजी की अध्यक्षता संभालने पर रूस को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एससीओ मिशन लाइफ से प्रेरणा ले रहा है। मोटा अनाज जैसे जलवायु-लचीले और पौष्टिक अनाज के उपयोग को बढ़ावा देकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण को बढ़ावा दिया जाएगा। इस बात पर जोर दिया गया कि अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और एससीओ चार्टर के लक्ष्यों और सिद्धांतों के अनुसार निष्पक्ष और संतुलित कनेक्टिविटी परियोजनाओं को कायम रखा जाए।
जयशंकर ने कहा कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विचार पर एक संवाद विकसित किया जाएगा। एससीओ स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप और इनोवेशन और पारंपरिक चिकित्सा पर एसडब्ल्यूजी जैसी पहलों के परिणामों का एससीओ सदस्यों ने स्वागत किया है। डीपीआई और डिजिटल समावेशन एससीओ सहयोग ढांचे का हिस्सा बन रहा है। उल्लेखनीय है कि यह करीब एक दशक बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा रही।