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करमा बाई को मारवाड़ की मीरा भी कहा जाता था : नंद किशोर पांडेय

मुरादाबाद, 20 फरवरी (हि.स.)। श्री परिवार दिव्य महायज्ञ समिति ट्रस्ट मुरादाबाद के तत्वावधान में मनोरंजन सदन निकट रेलवे स्टेडियम में पांच दिवसीय मां पीतांबरा बग्लामुखी देवी महायज्ञ एवं श्री भक्तमाल कथा के पांचवें दिन मंगलवार को प्रातः कालीन सत्र में श्री महाकाल महामृत्युंजय यज्ञ हुआ। अनुष्ठान श्री परिवार पीठाधीश्वर पंडित कृष्णा स्वामी के निर्देशन में आचार्य पंडित कामेश्वर मिश्र ने कराया।

सांध्यकालीन सत्र में श्री धाम मथुरा से पधारे पंडित नंद किशोर पांडेय जी महाराज ने श्री भक्तमाल कथा में कहा कि करमा बाई को मारवाड़ की मीरा भी कहा जाता है। जबदृजब भगवान कृष्ण का उल्लेख आता है, करमा का नाम भी आ ही जाता है। वे भगवान की महान भक्त थीं और भगवान श्री कृष्ण उनके हाथ से प्रतिदिन भोग ग्रहण कर, भोग की थाली रिक्त कर देते थे। राजस्थान के नागौर जिले की मकराना तहसील में एक गांव हैदृ कालवा। इस गांव में जीवनराम डूडी के घर 1615 ईस्वी में एक पुत्री का जन्म हुआ। भगवान की बहुत मन्नतें मांगने के बाद इसका जन्म हुआ था, नाम रखा गया करमा। करमा के चेहरे पर एक अनोखी आभा रहती थी। जीवनराम स्वयं धार्मिक पुरुष एवं अनन्य कृष्ण भक्त थे। उन्होंने भगवान के नाम, ‘मदन मोहन‘ से अपने घर में कृष्ण भगवान का मंदिर बना रखा था। वे प्रतिदिन भगवान कृष्ण की पूजा करते, और भोग लगाते तथा भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण करते। यह उनके घर का नित्य का नियम था।

इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल जौनी, हरिगोपाल शर्मा, अतुल सोती एडवोकेट, चंद्रभान श्रीवास्तव, नरेश सक्सेना, राजीव मल्लू, सुधीर श्रीवास्तव, विकास ममगाईं, विशाल अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, धवल दीक्षित, सुमन सक्सेना, अनीता श्रीवास्तव, अंजू सक्सेना, नीलम अग्रवाल, कल्पना शर्मा, अर्चना अग्रवाल, शीला श्रीवास्तव, सीमा शर्मा, उमा तोमर, अंजना चौहान आदि उपस्थित रहे।

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