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किसान और कृषि का भविष्य बदलेगी एआई : प्रो. मनोज दीक्षित

मेरठ, 12 फरवरी (हि.स.)। एमएसडी विश्वविद्यालय बीकानेर राजस्थान के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि भारत के किसान और कृषि दोनों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित होगी। यह तकनीक किसान और कृषि दोनों का भविष्य बदल देगी।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर साइंस तथा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग में चल रही छह दिवसीय एफडीपी का सोमवार को समापन हो गया। एफडीपी में छह दिन तक ऑनलाइन मोड में लगभग 1000 शिक्षक प्रतिभागियों को “द रिसेंट ट्रेंड्स आफ बिग डाटा एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन द फील्ड ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड एग्रीकल्चर इंजिनियरिंग“ विषय पर जागरूक किया गया। एफडीपी के दौरान देश भर के लगभग 13 विश्वविद्यालय से कुलपति अथवा प्रोफेसर्स ने इस विषय पर अपने विचार रखें तथा भविष्य की टेक्नोलॉजी के नुकसान फायदे गिनाए।

एफडीपी के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ़ जम्मू कठुआ कैंपस के प्रोफेसर डॉ. सौरभ शास्त्री ने मशीन लर्निंग का कृषि पद्धतियों पर प्रभाव विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कृषि में विशेष प्रकार से मशीन लर्निंग तकनीक और डाटा प्रोसेसिंग के चरणबद्ध अनुप्रयोग से उत्पादकता में वृद्धि होगी। दूसरे सत्र में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर सुयश भारद्वाज ने एग्रीकल्चर में कृत्रिम बुद्धिमता अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का अनुप्रयोग बताया। उनके अनुसार, कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संक्षिप्त इतिहास, कृषि उद्देश्यों और वास्तविक जीवन आधारित मॉड्यूल पर प्रकाश डालते हुए कृषि में रोबोट के महत्व पर भी चर्चा की।

संस्थान के निदेशक प्रो. नीरज सिंघल तथा एफडीपी के संयोजक इंजीनियर मिलिंद, सह संयोजक जेआर बैंथम ने धन्यवाद ज्ञापित किया। एफडीपी मे स्वाति अग्रवाल, ऋतु शर्मा, स्वाति सिंह, मोनिका गौड़, शोभित सक्सैना, रूपल चौधरी, नीलम, विजय, अमित शर्मा, जीएस कांत, कवि भूषण, गौरव त्यागी, आशीष विकल, हरि गोस्वामी, प्रवीण कुमार इत्यादि का सहयोग रहा

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