-लगभग 15 हजार करोड़ रुपये से पांच वर्षों में पांच प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे
-34 नए एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को भी मिली हरी झंडी
नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने गुरुवार को भारत के बहुप्रतीक्षित स्टील्थ फाइटर जेट कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ 34 नए एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को भी सरकार की हरी झंडी मिल गई है। इनमें से 25 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को और नौ भारतीय तटरक्षक बल को मिलेंगे। इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड स्वदेशी रूप से करेगी।
केंद्र सरकार ने लम्बे इन्तजार के बाद 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित करने की मंजूरी दी है। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मंजूरी मिलने के बाद 15 हजार करोड़ की लागत से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की देखरेख में पांच साल के भीतर एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के 5 प्रोटोटाइप विमान विकसित किए जाएंगे और 3 साल में पहला प्रोटो रोल आउट किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक सभी तकनीकें पहले ही निर्मित एवं विकसित की जा चुकी हैं। सरकार की इस मंजूरी से भारतीय वायु सेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजनाओं को बड़ा बढ़ावा मिला है।
उम्मीद है कि एएमसीए को 2030 के बाद परिचालन भूमिकाओं में शामिल किया जाना शुरू हो जाएगा और पहली दो स्क्वाड्रनों को जीई-414 इंजनों से संचालित करने की योजना है, जबकि शेष स्क्वाड्रनों के लिए अधिक शक्तिशाली इंजनों को विकसित करने पर अब भी चर्चा चल रही है। पांचवीं पीढ़ी के 200 लड़ाकू विमान स्वदेशी रूप से बनाने के बाद भारत की नजर छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित करने पर भी टिकी है। डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत पहले ही कह चुके हैं कि एएमसीए की पहली दो स्क्वाड्रन जीई 414 इंजन के साथ तैयार होगी लेकिन 6वीं पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के साथ इंजन क्षमता विकसित करने के लिए हमें उच्च थ्रस्ट टू वेट क्लास इंजन विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए जीई और एचएएल एक समझौता करेंगे।
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने 34 नए एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को भी हरी झंडी दे दी है। इनमें से 25 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को और नौ भारतीय तटरक्षक बल को मिलेंगे। इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड स्वदेशी रूप से करेगी। भारतीय नौसेना, वायु सेना, सेना और तटरक्षक बल के पास फिलहाल कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं। एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने डिजाइन और विकसित किया है। इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2001-02 से शुरू हुई थी। यह 5.5 टन वजन वर्ग में जुड़वां इंजन के साथ बहु-भूमिका वाला बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है।