फिरोजाबाद, 02 फरवरी (हि.स.)। न्यायालय ने शुक्रवार को नाबालिग को अगवा कर उससे दुष्कर्म के प्रयास के एक दोषी को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर अर्थ दंड लगाया। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला थाना उत्तर क्षेत्र का है। दो सितम्बर 2016 को कक्षा नौ में पढ़ने वाली छात्रा रोजाना की तरह सुबह आठ बजे स्कूल गयी थी। शाम को चार बजे तक वह घर वापस नहीं लौटी तो छात्रा के पिता ने उसकी खोजबीन की लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला।
छात्रा के पास जो नम्बर था, उस पर उसने फोन करके देखा तो वह बंद था। पिता ने अपनी पुत्री के बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह अजय नाम के लड़के से बात करती थी। जब वह उसके घर पर गया तो वहां उसके घर पर कोई नहीं था। तब पिता इस घटना की रिपोर्ट करने थाना उत्तर गया तो वहां पर उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। वह थाना रामगढ़ गया तो वहां भी उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। तब उसने एक प्रार्थनापत्र एसएसपी को दिया तब उसका मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना के बाद अजय कुमार के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया।
मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम अवधेश कुमार यादव की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अजय को दोषी माना। न्यायालय ने उसे पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 15 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।