फरीदाबाद में स्थित हनुमानजी की 111 फीट ऊंची बैठी मुद्रा में प्रतिमा न केवल भारत में, बल्कि पूरे एशिया में सबसे ऊंची है। यह हनुमान तीर्थ स्थल के रूप में अपनी एक अद्वितीय पहचान रखता है। अरावली पहाड़ियों के बीच बसी इस अद्भुत प्रतिमा की भव्यता और आध्यात्मिक महत्व अनूठा है।
भक्तों का अटूट विश्वास और श्रद्धा
कई राज्यों से लोग आते हैं। इस प्रतिमा की स्थापना के बाद से, इस स्थान पर लोगों की आस्था और विश्वास में काफी वृद्धि हुई है। यहां आने वाला हर भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है और यहां से निराश नहीं लौटता।
प्रतिमा निर्माण में भक्तों का योगदान
इस विशाल प्रतिमा का निर्माण 2010 में शुरू हुआ और 2017 तक चला। राजस्थान के कुशल कलाकारों ने इसे तैयार किया है। इस निर्माण में आए व्यय को भक्तों ने अपने योगदान से पूरा किया है, जो इस स्थल के प्रति उनकी अटूट आस्था को दर्शाता है।
भारतीय संस्कृति का एक चमकता सितारा
हनुमानजी की इस प्रतिमा के निर्माण से फरीदाबाद न केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यहां आने वाले हर व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है।