दुनिया भर में यात्रा के लिए वीजा (Visa) की आवश्यकता होती है, चाहे वह आम नागरिक हो या कोई विशेष व्यक्ति। भारत में भी विदेशियों के लिए वीजा का नियम लागू होता है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) की, जो भारत में बिना वीजा के भी आ सकते हैं।
मुथैया मुरलीधरन का उदाहरण दिखाता है कि कैसे खेल और व्यक्तिगत संबंध (Personal Relations) देशों के बीच सेतु (Bridge) का काम कर सकते हैं। उनकी विशेष स्थिति न सिर्फ उनके लिए, बल्कि खेल की दुनिया के लिए भी एक मिसाल है।
वीजा मुक्त यात्रा का कारण ओसीआई अधिकार
मुरलीधरन को भारतीय सरकार (Indian Government) द्वारा ओसीआई (Overseas Citizen of India) यानी प्रवासी नागरिकता का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार के तहत वे बिना वीजा के हिंदुस्तान आ-जा सकते हैं। यह सुविधा उन्हें भारत के प्रति उनके विशेष संबंधों के कारण प्रदान की गई है, क्योंकि मुरलीधरन की शादी भी भारत में हुई थी।
मुरलीधरन का उल्लेखनीय क्रिकेट करियर
मुथैया मुरलीधरन ने अपना पहला डेब्यू मैच (Debut Match) 1993 में भारत के खिलाफ खेला था। उनका क्रिकेट करियर (Cricket Career) अत्यंत शानदार रहा है, और उन्होंने श्रीलंकाई क्रिकेट (Sri Lankan Cricket) के लिए अमूल्य योगदान दिया। मुरलीधरन भारत को अपना दूसरा घर मानते हैं। उन्होंने साल 2011 में अपने क्रिकेट करियर का आखिरी मैच भी भारत के खिलाफ खेला था।
मुरलीधरन और भारतीय संस्कृति का संगम
मुरलीधरन का भारत से गहरा नाता उनकी शादी और उनके क्रिकेट करियर से जुड़ा है। उनकी वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा उनके और भारत के बीच की विशेष बॉन्डिंग (Special Bonding) को दर्शाती है।