विश्व प्रसिद्ध खेल शतरंज की उत्पत्ति भारत में हुई थी। इसका इतिहास (History) भारतीय संस्कृति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। इसके बाद, यह खेल भारत से ईरान और फिर वहां से पूरी दुनिया में फैल गया। शतरंज भारतीय मूल का एक प्राचीन और रणनीतिक खेल है जो आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।
यह खेल बुद्धि, योजना और रणनीति (Strategy) का प्रतीक है और इसे दुनिया भर के विभिन्न संस्कृतियों (Cultures) और समुदायों द्वारा खेला और सराहा जाता है।
महाभारत से जुड़े शतरंज के तार
शतरंज की लोकप्रियता की शुरुआत महाभारत काल से मानी जाती है। गुप्तकाल में इस खेल की प्रसिद्धि में वृद्धि हुई। यह खेल न केवल मनोरंजन (Entertainment) का साधन था, बल्कि युद्ध की रणनीति (War Strategy) और बुद्धिमत्ता (Intelligence) का भी प्रतीक था।
रणनीतिक खेल
शतरंज को रणनीतिक खेल माना जाता है। प्राचीन समय में राजा इस खेल के माध्यम से अपनी रणनीतिक समझ को विकसित करते थे। अक्सर इस खेल की बिसात पर बनी रणनीतियां युद्ध के मैदान में दुश्मन को हराने में सहायक होती थीं।
विश्वविख्यात खिलाड़ी
भले ही शतरंज का उद्भव भारत में हुआ हो, लेकिन इसके चैंपियन दुनिया भर से हैं। भारत के विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) को इस खेल का सबसे कुशल खिलाड़ी माना जाता है।
शतरंज का मूल नाम
अंग्रेजी में इसे ‘Chess’ कहा जाता है जबकि हिंदी में ‘शतरंज’। लेकिन इसका मूल नाम ‘चतुरंग’ (Chaturanga) था, जिसका अर्थ है चतुर और चालाक लोगों का खेल। बाद में इसे ‘शतरंज’ नाम दिया गया।