– गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी राजकोट रवाना, रात 2 बजे घटनास्थल पहुंचेंगे, अधिकारियों संग करेंगे मीटिंग
राजकोट (हि.स.)। राजकोट शहर के कालावड रोड पर टीआरपी गेम जोन में आग की घटना ने राज्य भर में हड़कंप मचा दिया है। घटना में मृतकों की संख्या 28 पहुंच गई है। अभी कई लापता हैं, जिनकी खोजबीन जारी है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के आदेश पर राज्य के गृह राज्य मंत्री राजकोट के लिए रवाना हो गए हैं। वे रात्रि 2 बजे के करीब राजकोट पहुंचेंगे। यहां वे सबसे पहले घटनास्थल, सिविल हॉस्पिटल जाने के बाद अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे। राज्य सरकार ने राज्य के सभी गेमजोन की जांच करने और बिना फायर सेफ्टी परमिशन वाले गेमजोन बंद करने का आदेश दिया है।
फायर ब्रिगेड के अधिकारी आई वी खेर के अनुसार सयाजी के पीछे टीआरपी मॉल के अंदर शनिवार शाम आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर रवाना कर दी गई। अंदर तेजी से जलने वाली वस्तुओं के होने की वजह से आग तेजी से फैलते चली गई। आग इतनी भीषण थी कि करीब 5 किलोमीटर दूर से धुएं का गुबार उठता दिखाई दे रहा था। स्ट्रक्चर कोलेप्स होने के कारण फायर फाइटिंग में दिक्कत आई। आग में कई लोगों के फंसे होने की जानकारी पर मौके पर एम्बुलेंस भी तैनात किए गए। आग के विकराल रूप को देखते हुए फायर कॉल घोषित किया गया। 15 से अधिक बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। आग बुझाने में सफलता मिली है लेकिन टीन के शेड होने की वजह से फायर ब्रिगेड के जवानों को अंदर जाने में मुश्किल हो रही थी। देर शाम एक के बाद शव निकलते चले गए। 28 शवों को मलबे से निकाला जा चुका है। जबकि अभी कई अन्य लोगों के फंसे होने की जानकारी है। जले हुए शवों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें पहचानना मुश्किल है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि शवों की पहचान के लिए इनका तत्काल डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। इसके बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
5 साल पहले सूरत में हुआ था तक्षशिला अग्निकांड
सूरत की तक्षशिला कोचिंग हादसे के करीब 5 साल बाद एक बार फिर गुजरात के राजकोट में गेमजोन अग्निकांड ने लोगों का दिल दहला दिया है। तक्षशिला कांड 24 मई, 2019 को सूरत में हुआ था, जब कोचिंग इस्टीट्यूट में आग लगने से 22 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें सभी छात्र-छात्राएं थीं। मामले में 10 लोगों को आरोपित बनाया गया था, लेकिन अब सभी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। परिजनों को अभी न्याय का इंतजार है।