बचपन में अक्सर सुना जाता था कि बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है, ठीक उसी तरह एक और रोचक जानकारी है जिसमें सांप की मौसी के नाम से एक जीव जाना जाता है, जिसे हम बभनी कहते हैं। आइए, जानते हैं बभनी के बारे में।
बभनी सांप की ‘मौसी’
बभनी एक जीव है जिसे सांप की ‘मौसी’ के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिक नाम ‘स्किंक’ (Skink) या ‘सरीसृप’ (Reptile) से जाना जाता है, यह जीव छिपकली से मिलता-जुलता होता है, लेकिन इसकी विशेषताएं सांपों से भिन्न होती हैं।
शारीरिक विशेषताएं और नुकसानदायक नहीं
बभनी की त्वचा सांपों की अपेक्षा अधिक चमकीली और मुलायम होती है। यह आमतौर पर मैदानों और घरों में पाई जाती है और इसमें जहरीलापन नहीं होता है। यह छिपकलियों की तरह छिपकर रहना पसंद करती है।
भारतीय प्रजातियां और उनका विस्तार
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Zoological Survey of India) के अनुसार, भारत में बभनियों की 62 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 33 प्रजातियां केवल भारत में ही पाई जाती हैं।
प्रजनन की अनोखी क्षमता
मादा बभनी अपने शरीर में नर के साथ प्रजनन के बाद स्पर्म को जमा कर लेती है। इस जमा हुए स्पर्म की सहायता से, वह एक साल या उससे भी अधिक समय तक बिना नर के मिले बच्चों को जन्म दे सकती है। इस तरह के प्रजनन की क्षमता इस जीव को विशेष बनाती है।
सांप की ‘मौसी’ के नाम का रहस्य
बभनी को सांप की ‘मौसी’ कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक पहलु नहीं है, यह केवल एक लोकप्रिय कहानी और मिथक का हिस्सा है। इस तरह की परंपरागत कहानियां हमारे समाज का एक रोचक हिस्सा हैं।
बभनी एक अनदेखा जीव
अंत में, बभनी के बारे में यह जानकारी न केवल हमें इस अनोखे जीव के बारे में ज्ञान देती है, बल्कि हमें भारतीय जीव-विज्ञान की विविधता और समृद्धि से भी परिचित कराती है। बभनी एक अद्भुत जीव है जो हमारे आस-पास के पर्यावरण में अपनी अनूठी भूमिका निभाती है।