पटना (ईएमएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में शुक्रवार को पटना की एक विशेष अदालत में दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल मोहम्मद इम्तियाज आलम समेत चार अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इन दोनों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रश्न पत्र चोरी करने की साजिश रची थी। चार अन्य लोगों में अमन कुमार सिंह, बलदेव कुमार, सन्नी कुमार और एक स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन शामिल हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 109 (उकसाना), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 380 (चोरी), 201 (साक्ष्य गायब करना) और 411 (चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा, प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लागू किए गए हैं।
सीबीआई के अनुसार, इस साजिश का मास्टरमाइंड पंकज कुमार था, जिसने अहसानुल हक और मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलकर परीक्षा के प्रश्न पत्रों को अवैध रूप से प्राप्त किया और उन्हें कुछ सॉल्वरों के जरिए हल कराया।
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 5 मई की सुबह हजारीबाग में परीक्षा के दिन पंकज कुमार को प्रश्न पत्रों वाले ट्रंक तक अवैध रूप से पहुंच दी गई थी। आधुनिक उपकरणों की मदद से कुमार ने ट्रंक को खोला और प्रश्न पत्र प्राप्त किए। इसके बाद, पेपर को सॉल्वरों के एक समूह ने हल किया, जिनमें से कुछ प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र थे। सीबीआई ने अब तक 7 सॉल्वरों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने इस मामले में अब तक 48 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कई सॉल्वर और अन्य संदिग्ध हैं। सीबीआई ने इस मामले में नीट-यूजी परीक्षा के लाभार्थी छात्रों की भी पहचान की है और उनकी जानकारी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के साथ साझा की है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
इस साल नीट-यूजी 2024 परीक्षा का आयोजन 5 मई को हुआ था, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्र शामिल थे। एनटीए द्वारा आयोजित यह परीक्षा सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होती है।