नई दिल्ली (ईएमएस)। राष्ट्रीय राजधानी की पहचान प्रगति मैदान अब भारत मंडपम के नाम से जाना जाएगा। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने समूचे परिसर का ही नाम भारत मंडपम कर दिया है। जबकि जिसे भारत मंडपम कहा जा रहा था। जहां जी-20 शिखर सम्मेलन भी हुआ था, उसका नाम अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी व सम्मेलन केंद्र होगा। इस बदलाव के तहत आईटीपीओ की वेबसाइट पर ही नहीं, बल्कि प्रवेश द्वारों पर भी भारत मंडपम लिखा जाना शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पहले एग्जीबिशन ग्राउंड से पहचाने जाने वाले स्थान को प्रगति मैदान का नाम देश की आजादी के रजत जयंती वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। तब यहां एशिया 72 प्रदर्शनी लगी थी और इसका उदघाटन भी उन्होंने ही किया था। तब से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मेला स्थल के रूप में प्रगति मैदान देश-विदेश सभी जगह लोकप्रिय हुआ। यदि यह कहा जाए कि प्रगति मैदान दिल्ली की पहचान बन गया है, तब शायद गलत नहीं होगा।
लगभग 52 साल बाद अब प्रगति मैदान का नाम भारत मंडपम कर दिया गया है। औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत गुरुवार को यहां लगे पांच दिवसीय 38वें अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं आतिथ्य मेला-आहार-2024 से हुई है। मेला से जुड़े विज्ञापनों, निमंत्रण-पत्रों, टिकटों एवं पास वगैरह में सभी जगह प्रगति मैदान का नहीं बल्कि भारत मंडपम का नाम दिया गया है।
इतना ही नहीं आईटीपीओ की वेबसाइट और इसके प्रवेश द्वारों पर भी प्रगति मैदान की जगह भारत मंडपम ही लिखा जा रहा है। आईटीपीओ अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि प्रगति मैदान के समूचे परिसर को भारत मंडपम का नाम दे दिया गया है।