आपने अक्सर सुना होगा कि यदि कोयले (Coal) को लंबे समय तक रखा जाए, तो वह हीरे (Diamond) में बदल जाता है। यह एक लोकप्रिय मान्यता है, जिसे लोग अक्सर सच मान लेते हैं। लेकिन क्या यह सच में संभव है? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
कोयले से हीरे का बनना एक रोचक और लोकप्रिय मिथक है, लेकिन विज्ञान के नजरिए से यह संभव नहीं है। हीरे का निर्माण प्राकृतिक रूप से अत्यधिक दबाव और तापमान की प्रक्रिया से होता है, जो कोयले को रखने भर से संभव नहीं है।
क्या है कोयले और हीरे का संबंध?
कोयले और हीरे, दोनों ही कार्बन (Carbon) से बने होते हैं। इस तथ्य के कारण लोग अक्सर मानते हैं कि कोयले को रखे रहने पर वह हीरा बन सकता है। हालांकि, यह तर्क आंशिक रूप से सही है। हीरा और कोयला दोनों कार्बन से बने होते हैं, लेकिन उनके बनने की प्रक्रिया (Formation Process) एकदम अलग होती है।
कैसे बनते हैं हीरे?
हीरे का निर्माण पृथ्वी की सतह के अंदर अत्यधिक दबाव (High Pressure) और तापमान (High Temperature) की स्थितियों में होता है। इस प्रक्रिया में कार्बन परमाणु (Carbon Atoms) अत्यधिक संकुचित होते हैं और एक विशिष्ट क्रिस्टलीय संरचना (Crystalline Structure) में बंध जाते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 1 अरब से 3.3 अरब वर्ष का समय लग सकता है।
कोयले और हीरे की संरचना में अंतर
कोयला, जो कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन (Hydrogen), नाइट्रोजन (Nitrogen), सल्फर (Sulfur) जैसे अन्य तत्वों से भी बना होता है, हीरे की तरह शुद्ध कार्बन फॉर्म (Pure Carbon Form) नहीं होता।
हीरे में प्रत्येक कार्बन एटम चार अन्य कार्बन एटमों से जुड़ा होता है, जो इसे अत्यंत कठोर (Extremely Hard) और पारदर्शी (Transparent) बनाता है। वहीं, कोयले में यह संरचना नहीं होती।
क्या कोयला वास्तव में हीरे में बदल सकता है?
कोयले को बस रखने से वह हीरे में नहीं बदल सकता। हीरे के निर्माण के लिए जरूरी अत्यधिक दबाव और तापमान पृथ्वी की सतह पर सामान्यतः उपलब्ध नहीं होते। इसलिए, यह मानना कि कोयले को रखने से वह हीरे में बदल जाएगा, एक मिथक (Myth) है।