75वां गणतंत्र दिवस आज देश में मनाया गया। कर्तव्य पथ पर कई विभागों ने इस मौके पर झांकी निकालकर प्रदर्शनी की। गणतंत्र दिवस इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का मुख्य अतिथि था। अंतरराष्ट्रीय मेहमानों ने भी इन झाकियों को पसंद किया।
केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों ने भी अपनी झांकियां निकालीं, जबकि कई राज्यों ने अपनी झांकियां दीं। संस्कृति मंत्रालय की झांकी ने इस बार पहला पुरस्कार जीता है। संस्कृति मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी किया है और इस बारे में जानकारी दी है।
संस्कृति मंत्रालय ने पहला पुरस्कार प्राप्त किया
75वें गणतंत्र दिवस की परेड में संस्कृति मंत्रालय की ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ थीम वाली झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला है। सोमवार को अधिकारियों ने यह सूचना दी। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि झांकी ने ‘‘भारत की सांस्कृतिक विरासत- जिसे अक्सर लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है’’
दिखाने के लिए उत्कृष्ट रूप से ‘एनामॉर्फिक’ तकनीक का उपयोग किया, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्कृति मंत्रालय ने बनाई गई इस झांकी का मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना था। इस झांकी में भारत को भी लोकतंत्र की जननी बताया गया था।
मंत्रालय ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनामॉर्फिक (प्रतिकृति उकेरने की तकनीक) को हमारी प्रस्तुति में कुशलतापूर्वक अपनाया गया था। इस प्रौद्योगिकी ने इसे आजाद कर दिया, जो हमारी संस्कृति की गतिशीलता को दर्शाता है। आधुनिकता और पारंपरिकता के मेल ने इसे आसानी से अपनाया।
हमने एक झांकी बनाई जो सांस्कृतिक झलक और कलाकौशल लेकर आई।संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि यह उपलब्धि ‘‘भारत के विविध रंगों को संरक्षित करने और उसका जश्न मनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता’’ का संकेत है।