पाकिस्तान में आजकल महंगाई (Inflation) का दौर अपने चरम पर है। यहां खाने-पीने की हर चीज, जिनमें समोसा (Samosa) भी शामिल है, की कीमतें आसमान छू रही हैं। भारत के मुकाबले पाकिस्तान में समोसे की कीमत कहीं अधिक है, जो आम लोगों के लिए एक बड़ा आर्थिक बोझ (Economic Burden) बन चुकी है।
इस पूरे मामले से यह साफ है कि पाकिस्तान में महंगाई ने आम जनता की जेब पर भारी बोझ डाला है और समोसे जैसे सामान्य खाद्य पदार्थ की कीमतें भी इसकी गवाही दे रही हैं। यह न सिर्फ आर्थिक समस्या है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक (Social and Political) मुद्दों से भी जुड़ा हुआ है।
यूट्यूबर के अनुभव से समोसे की कीमत का खुलासा
न्यूजीलैंड के एक यूट्यूबर कार्ल रॉक (Karl Rock), जिन्होंने पाकिस्तान के फैसलाबाद (Faisalabad) का दौरा किया, ने अपने वीडियो में यह बताया कि कैसे वहां दो समोसे की कीमत 80 पाकिस्तानी रुपये (Pakistani Rupees) थी। इस खुलासे ने पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों की समस्या को और भी स्पष्ट कर दिया है।
ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर समोसे की चौंकाने वाली कीमतें
पाकिस्तान के ऑनलाइन ग्रोसरी डिलेवरी प्लेटफॉर्म (Online Grocery Delivery Platforms) पर जब इसकी जांच की गई, तो पता चला कि 32 आलू के कच्चे समोसे का एक पैकेट 650 पाकिस्तानी रुपये का है और चिकन समोसे (Chicken Samosas) की कीमत 800 पाकिस्तानी रुपये है। ये कीमतें आम लोगों के लिए काफी अधिक हैं।
समोसे की कीमत पर कानूनी लड़ाई
साल 2009 में, पाकिस्तान की एक प्रांतीय अदालत (Provincial Court) ने समोसे की कीमत को 6 रुपये तय किया था। इस फैसले के खिलाफ पंजाब बेकर्स एंड स्वीट्स फेडरेशन (Punjab Bakers and Sweets Federation) ने लंबी कानूनी लड़ाई छेड़ी, जो हाईकोर्ट (High Court) तक पहुंची। हालांकि, लाहौर हाईकोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और उसके परिणाम
अंततः, साल 2017 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब बेकर्स एंड स्वीट्स फेडरेशन के पक्ष में फैसला दिया।
जिससे एक समोसे की कीमत 6 रुपये से अधिक हो सकती है। इस फैसले ने पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) और मुद्रा की कीमतों (Currency Value) के संबंध में एक नई चर्चा को जन्म दिया है।