8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) की निगाहें इन दिनों 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर टिकी हुई हैं। वे लंबे समय से अपनी सैलरी (Salary) में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन इस विषय पर सरकार की ओर से एक अहम बयान आया है।
सरकार ने इस प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्त सचिव के नेतृत्व में एक समिति (Committee) का गठन किया है। सोमनाथन के अनुसार, “सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श पूरा कर लिया गया है और रिपोर्ट जल्द ही सौंपी जानी चाहिए।” यह आगे के लिए सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा निर्देश होगा।
सरकार का रुख 8वें वेतन आयोग की कोई योजना नहीं
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (Finance Secretary TV Somanathan) ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार की ओर से अगले साल राष्ट्रीय चुनाव (National Elections) से पहले 8वें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। इस घोषणा ने कर्मचारियों की आशाओं पर पानी फेर दिया है।
लोकसभा चुनाव 2024 वेतन आयोग की अटकलें
हाल ही में यह खबरें थीं कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले 8वां वेतन आयोग लाने की योजना बना रही है। इतिहास में देखा गया है कि चुनावों से पहले सरकारें अक्सर इस तरह के वेतन आयोगों को जनता के लिए एक प्रलोभन के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को भी कांग्रेस सरकार ने इसी प्रकार से इस्तेमाल किया था।
भाजपा का विकल्प नई पेंशन योजना पर फोकस
वहीं, भाजपा सरकार (BJP Government) ने इस तरह के कदमों से परहेज किया है और इसके बजाय नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है। इस योजना में कर्मचारियों को अपने बेसिक वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करना होता है, जबकि सरकार 14 प्रतिशत का भुगतान करती है। इस विषय पर राजनीतिक विवाद (Political Controversy) खड़ा हो गया है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी राज्यों का रुख
कई विपक्षी शासित राज्य (Opposition-ruled States) पुरानी पेंशन योजना की ओर लौट रहे हैं, जो पेंशनर्स (Pensioners) को उनके अंतिम मिलने वाले वेतन का 50 प्रतिशत मासिक गारंटी देती है। यह विषय राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील (Sensitive) बन गया है।