डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार देश में सबसे पहले आधुनिक रिकॉर्ड-रूम तैयार करने में सफल हुई है। उन्होंने बताया कि करीब सवा साल पहले राज्य सरकार ने जिला स्तर पर राजस्व विभाग के डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने के लिए कार्य शुरू किया था। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एफसीआर कार्यालय, मंडल स्तरीय तथा उपमंडल कार्यालय के राजस्व रिकॉर्ड को निर्धारित लक्ष्य 31 मार्च तक पूर्ण रूप से डिजिटलाइज कर देंगे तथा कानूनगो और पटवारखाना के रिकॉर्ड को भी इस वर्ष के अंत तक डिजिटलाइज कर दिया जाएगा, इसके बाद लोगों को अपनी जमीन, राजस्व आदि आदि के पुराने दस्तावेजों को खंगालने की बजाए एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2024 के अंत तक में प्रदेश का राजस्व रिकॉर्ड सौ प्रतिशत डिजिटलाइज हो जायेगा।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे जानकारी दी कि राज्य में कुल 125 गांवों में चकबंदी का कार्य बकाया था, कई बार अधिकारियों की बैठकें करके जिम्मेवारी तय की गई, इससे काम में तेजी आई और आज केवल 54 गांवों में चकबंदी करनी शेष है। उन्होंने कहा कि लिटिगेशन के मामलों को छोड़कर नॉन-लिटिगेशन वाले सभी बकाया गांवों में चकबंदी के कार्य को इसी वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य में बढ़ रहे राजस्व पर खुशी जताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019 -20 में जहां स्टाम्प ड्यूटी 6200 करोड़ रूपये एकत्रित हुई थी, वहीं नागरिकों को सुविधा दिए जाने से अब तक करीब 10 हजार करोड़ रूपये राजस्व के रूप में सरकार को मिल चुके हैं, जबकि फरवरी और मार्च का माह अभी शेष है जिससे राजस्व में और अधिक बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की, फिर भी राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है।