हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेडिकल टीम के ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. विवेक ठाकुर और डॉ. गौरव शंकर पांडे , नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अरुण दुआ और डॉ. अंकुर गोयल तथा एनेस्थीसिया टीम की डॉ. ममता,डॉ. आशीष और डॉ. आशा सहित इनके मेंटर डॉ. आशीष शर्मा को बधाई दी है। डॉक्टरन की इस टीम ने ब्रेन डेड डोनर मरीज की दोनों किडनी को पीजीआईएमएस, रोहतक में दो जरूरतमंद मरीजों में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया। खास बात यह है कि डॉक्टरों की यह टीम डोनर का लीवर भी सफलतापूर्वक निकालने में कामयाब रही और उसे लीवर ट्रांसप्लांट के लिए आईएलबीएस, दिल्ली भेज दिया, जिससे एक व्यक्ति की भी जान बच गई। इस प्रकार ये डॉक्टर 3 लोगों को जीवनदान देने में सफल रहे।
मुख्यमंत्री ने ब्रेन डेड डोनर मरीज के अंग दान करने पर इनके परिवार को निस्वार्थ कार्य करने पर कृतज्ञता के एक छोटे से प्रतीक के रूप में 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि रीनल ट्रांसप्लांट एक जटिल और जीवनरक्षक प्रक्रिया है और अब यह सुविधा जो पहले केवल हरियाणा राज्य में निजी क्षेत्र के अस्पतालों में भारी लागत 8 से 10 लाख रुपये में उपलब्ध थी। अब राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मामूली खर्चे पर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि पीजीआईएमएस, रोहतक के डॉक्टरों, चिकित्सा शिक्षा विभाग और सरकार के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने भी डॉक्टरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने और सभी के लिए उन्नत चिकित्सा उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सरकारी क्षेत्र में लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि पीजीआईएमएस, रोहतक के पहले रीनल ट्रांसप्लांट की सफलता एक आशाजनक शुरुआत है और सरकार राज्य के लोगों की भलाई के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार और विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने पीजीआईएमएस, रोहतक में पहली रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक करने को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि यह सब राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में की जा रही बेहतरीन सुविधाओं तथा डॉक्टरों की टीम की मेहनत की बदौलत संभव हो पाया है।