उन्होंने प्रदेश के प्रमुख प्रोजेक्ट हिसार एविएशन हब के बारे में यहां जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों हैदराबाद में एविएशन से संबंधित “विंग्स इंडिया-2024” एक सम्मेलन हुआ था जिसमे तीन एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।
इनमें पहला एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ हुआ है। इस समझौते के तहत एयरपोर्ट पर इक्विपमेंट मैनेजमेंट, फंक्शनिंग और टेक्निकल स्पोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया करेगी।
दूसरा एमओयू , पवनहंस लिमिटेड , भारत सरकार और हरियाणा सरकार के मध्य हुआ है। इसके लिए हरियाणा के नागरिक उड्डययन विभाग ने एचएसआईआईडीसी से 30 एकड़ जमीन लेकर भारत सरकार को दी है। यह जमीन गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस के साथ है। इसमें देश का सबसे बड़ा हेलीहब स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह हेलीहब दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर होगा। इस हेलीहब से पूरे उत्तर भारत को एपिक सेंटर के तौर पर हेलीकॉप्टर टैक्सी सर्विस , प्राइवेट चार्टर , मेडिकल एम्बुलेंस की हेली-सर्विसिस जैसी सुविधाएँ मिलेंगी।
दुष्यंत चौटाला ने तीसरे एमओयू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एमओयू “अलाइंस एयर कंपनी” और हरियाणा सरकार के मध्य हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नौ एयर-रूट्स चिन्हित किये गए हैं जिनमे उक्त कंपनी वीजीएफ (वाइबिलिटी गैप फंडिंग ) की स्कीम के आधार पर जहाज़ की उड़ान भरेगी। इनमे हिसार से दो जहाज़ सप्ताह में तीन दिन उड़ेंगे। अम्बाला में सिविल टर्मिनल बनने के बाद वहां से एयर -सर्विस शुरू हो जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि देश की अन्य बड़ी एयरलाइन्स अकासा ,इंडिगो तथा स्पाइसजेट के प्रतिनिधियों ने भी भविष्य में हिसार एयरपोर्ट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट की तरह पार्किंग के लिए भी प्रयुक्त करने की इच्छा जताई है। क्योंकि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर दिन प्रतिदिन एयर ट्रैफिक बढ़ रहा है , ऐसे में हिसार एयरपोर्ट भी रात्रि के समय जहाज़ -पार्किंग के लिए बेहतरीन विकल्प के तौर पर लाभप्रद साबित होगा।