मेरठ, 08 फरवरी (हि.स.)। आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ की एसोसिएट प्रोफेसर वत्सला तोमर ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की टेक्नोलॉजी बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग के माध्यम से समसामयिक कृषि पद्धतियों में सुधार लाया जा सकता है। बिग डाटा और एआई तकनीक की खेत-खलियानों, स्वचालित स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, रोग कीट का पता लगाना इत्यादि निगरानी संबंधी जटिल कार्यों को सहजता से पूर्ण करने में बड़ी भूमिका रहने वाली है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित सर छोटू राम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर साइंस एवं एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में छह दिवसीय एफडीपी चल रही है। एफडीपी के चौथे दिन गुरुवार को पहले सत्र के मुख्य वक्ता व अग्रसेन इंस्टीट्यूट आईपी युनिवर्सिटी नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष खन्ना ने आईओटी तकनीक के माध्यम से वर्तमान एग्रीकल्चर को स्मार्ट एग्रीकल्चर बनाने पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में अमानउल्ला इंस्टीट्यूट पठानकोट के प्राचार्य डॉ. रजत अरोड़ा ने एग्रीकल्चर इंजिनियरिंग के क्षेत्र में बिग डाटा का बड़ा रोल बताया। तीसरे व अंतिम सत्र में आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वत्सला तोमर ने पीपीटी के माध्यम से एफडीपी में हिस्सा ले रहे शिक्षकों को वर्तमान और भविष्य की टेक्नोलॉजी के बारे में जानारी दी। इस अवसर पर जेआर बेंथम, मिलिंद, डॉ. स्वाति अग्रवाल, नीलम, डॉ. कपिल, डॉ. सुशील, कवि भूषण, डॉ. शोभित सक्सेना, डॉ. रूपल चौधरी, प्रवीण कुमार, विकल यादव आदि का सहयोग रहा।