कानपुर, 09 फरवरी (हि.स.)। परिवार कल्याण कार्यक्रम के सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए लाभार्थियों को बेहतर काउंसलिंग (परामर्श) की आवश्यकता है। काउंसलिंग बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो परिवार कल्याण कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाता है। लाभार्थी के साथ एकांत जगह पर गोपनियता के साथ सरल, स्पष्ट व स्थानीय भाषा में चर्चा करें। लाभार्थी के पूर्व के इतिहास को जानते हुये उसकी पूरी समस्याएं सुनें और उचित परामर्श दें। इसके बाद उसकी इच्छानुसार परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वोइस से साधन उपलब्ध कराएं।
यह बातें कानपुर मण्डल की अपर निदेशक (चिकित्सा व स्वास्थ्य) डा. रचना गुप्ता ने कहीं। वह बड़ा चौराहा स्थित जिला महिला चिकित्सालय, डफ़रिन के प्रशिक्षण सभागार में शुक्रवार को आयोजित मण्डल स्तरीय परिवार नियोजन काउंसलर (परामर्शदाता) की एक दिवसीय ओरिएंटेशन (अभिमुखीकरण) कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि कानपुर मण्डल के विभिन्न सरकारी चिकित्सालयों तथा प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर तैनात हैं। इन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वह लाभार्थियों को बेहतर सेवाएँ दे सकें। साथ ही एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन के सभी साधनों जैसे महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, कंडोम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करा सकें।
कानपुर मंडल की संयुक्त निदेशक डा. विनीता राय ने कहा कि जमीनी स्तर पर लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान कराने में आशा कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हर माह की आशा कलस्टर मीटिंग में एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दें। चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों में बेहतर सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करें। सभी सीएचसी-पीएचसी पर परिवार नियोजन कॉर्नर बनाते हुये लाभार्थियों को परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वॉइस के लिए सेवाएँ उपलब्ध कराएं। सभी परिवार नियोजन काउंसलर का ओब्जेक्टिव स्ट्रक्चर काउंसलिंग एग्जामिनेशन (ओएससीई) का प्रदर्शन 90 फीसदी के आसपास होना चाहिए, इससे ज्ञात होगा कि काउंसलर लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करा रहा है।