हालांकि आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में किसानों की चौथे दौर की वार्ता भी होनी है। भाकियू (चढूनी) की प्रदेश स्तरीय बैठक दोपहर को ब्रह्मसरोवर पर होगी। बैठक में किसान आंदोलन के वर्तमान हालात, सहयोग आदि पर चर्चा के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। बता दें कि दिल्ली कूच पर निकले पंजाब के किसान 13 फरवरी से अंबाला में शंभू बॉर्डर और जींद में खनौरी बॉर्डर पर जमे हैं।
हरियाणा पुलिस ने कई लेयर की सुरक्षा के प्रबंध करके उनको रोका हुआ है। किसानों पर आंसू गैस व रबड़ की गोलियां तक चलाई गई हैं। बता दें कि जब किसानों का दिल्ली कूच शुरू हुआ तो भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के प्रधायन गुरनाम सिंह चढूनी ने इस आंदोलन से अपने आप को अलग बताया था।
लेकिन पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच तनाव को देखते हुए चढूनी ने इस आंदोलन में सहयोग देने का फैसला लिया। इसी को लेकर आज कुरुक्षेत्र में बैठक बुलाई गई है। कुरुक्षेत्र में मीटिंग दोपहर को 12:00 बजे ब्रह्मसरोवर पर बुलाई गई है। इसमें गुरनाम सिंह चढूनी के साथ उनकी यूनियन के पदाधिकारी और सैकड़ों की संख्या में किसान भाग लेंगे।
किसानों के साथ सरपंच संगठन और मजदूर संगठन के नेता भी पहुंचेंगे। यहां पर किसान आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी और कोई कड़ा फैसला भी लिया जा सकता है। इससे पहले गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन में सहयोग देने के लिए 16 फरवरी को पूरे हरियाणा में टोल प्लाजा 3 घंटे के लिए फ्री किए थे।
वहीं 17 फरवरी को हरियाणा की प्रत्येक तहसील में किसानों के द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। चढूनी की आज की बैठक पर किसान संगठनों के साथ प्रदेश के लोगों व सरकार की निगाह टिकी हुई है। चढूनी कह चुके हैं कि किसानों पर अत्याचार होते देख कर चुप नहीं बैठेंगे।