प्र्रयागराज, 23 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन साल की बच्ची का रेप कर हत्या करने के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा में परिवर्तन करते हुए तीस साल की कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने कहा कि याची में सुधार की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने दिनेश पासवान की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।
याची के खिलाफ फतेहपुर जिले के खागा थाने में रेप और हत्या सहित आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए याची के पूरे जीवन के लिए आजीवन कारावास की सजा, बिना किसी छूट व लाभ के 30 साल की अवधि के लिए निश्चित अवधि की सजा में संशोधित की जानी चाहिए। ताकि उसके जीवन का मुख्य समय जेल में व्यतीत हो। याची द्वारा काटी जा चुकी सजा को छोड़कर, 30 साल की पूरी सजा भुगतने के बाद ही जेल से रिहा किया जाएगा।