इन्दौर (ईएमएस) मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर दो जनहित याचिकाओं के बावजूद यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सात साल पहले पुलिस की गोली से मारे गये पांच किसानों के मामले में गोली चलाने का आदेश किसने दिया था। मामला मंदसौर में किसानों के आंदोलन के दौरान छह जून 2017 को प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोली चलाई जाने के बाद पांच किसानों की मौत का है। जिसमें किसान आंदोलन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए गोली चलाई थी। इसमें पांच किसानों की मौत हो गई थी। पुलिस के इस गोलीकांड की जांच के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट 13 जून 2018 को शासन को सौंप दी थी, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। हालांकि एक जनहित याचिका के जवाब में शासन की और से कोर्ट में कहा जा चुका था कि रिपोर्ट मिलते ही छह माह के भीतर विधानसभा पटल पर रख दी जाएगी, बावजूद इसके जब रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई तो पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के मार्फत दायर याचिका में जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मांग की गई है ताकि आमजन को पता चल सके कि मंदसौर गोलीकांड किसकी लापरवाही से हुआ था। कल इस पर बहस होनी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे नियमित पीठ के समक्ष सुने जाने के आदेश के साथ अक्टूबर तक आगे बढ़ा दिया।