Haryana News: हरियाणा के सिरसा के रहने वाले दूल्हे ने राजस्थान में जाकर दहेज प्रथा के खिलाफ अनोखी मिसाल पेश की है। वह दुल्हन को लाने के लिए गाजे-बाजे के साथ बारात लेकर पहुंचा, लेकिन लाखों रुपए के दान-दहेज से तौबा कर वधु पक्ष से शगुन के तौर पर सिर्फ 1 रुपया और नारियल ही लिया।
शादी की सारी रस्में पूरी होने के बाद लड़के के दादा हनुमान ने कहा कि उनके लिए तो दुल्हन ही सबसे बड़ा दहेज है।
सिरसा जिले के रामपुरा गांव निवासी हनुमान के पोते अनिल कुमार की 4 फरवरी को शादी थी। अनिल की शादी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के मेहरवाला गांव निवासी राजाराम की बेटी सुमन के साथ हुई। अनिल ने LLB की पढ़ाई की हुई है, जबकि उसकी पत्नी सुमन राजस्थान पुलिस में ASI है।
शादी में दहेज के रूप में एक रुपया और नारियल लेते हुए लड़के के दादा हनुमान व अन्य पारिवारिक सदस्य।
मेहमानों से कहा- शगुन न दें
शादी की सभी रस्में हिंदू-रीति रिवाज के साथ धूमधाम से निभाई गईं। लड़का पक्ष ने शादी में भात देने आए दूल्हे के मामा से भी सिर्फ शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल ही लिया।
इतना ही नहीं, वर-वधु को आशीर्वाद देने के लिए आए तमाम मेहमान और अन्य लोगों से भी किसी भी तरह का शगुन देने से साफ मना कर दिया गया।
दहेज के रूप में बेटी मिली है
अनिल कुमार की ये शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। अनिल के पिता निहाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार में किसी तरह की कमी नहीं है।
लड़की पक्ष की तरफ से दान-दहेज को लेकर पूछा भी गया, लेकिन हमारे परिवार की तरफ से इसको लेकर साफ इनकार कर दिया गया। चूंकि हमें सबसे बड़े दहेज के रूप में बेटी मिली है।
दहेज प्रथा को खत्म करना चाहिए
दादा हनुमान ने कहा कि आज समाज से दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठना बहुत जरूरी है। इस सामाजिक बुराई जैसी प्रथा को खत्म करना चाहिए।
मेरा मानना है कि सभी लोग इस तरह का का फैसला लें और आगे ऐसा कदम उठाएं जो समाज को ऊपर उठाने में मदद करें। किसी रिश्तेदार को बिना मतलब के आर्थिक वजन से बचाएं। सबसे बड़ा धन बेटी का ही है, जो अपना घर बार छोड़कर उम्रभर अगले घर की बहू बनती है।