Income Tax Rules:अगर आप संपत्ति खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं, तो कैश लेन-देन से जुड़े नियमों को जानना आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन नियमों का पालन न करने पर आपको कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब आपने संपत्ति की खरीद या बिक्री के लिए कैश में लेनदेन की पेशकश की है, तो आपको बता दें कि कैश कुछ हद तक ही लेनदेन कर सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैश में संपत्ति खरीद सकते हैं और अगर आप इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो क्या हो सकता है। आइये जानते है क्या है इसके नियम।
कैश लेनदेन और इनकम टैक्स (Cash Transaction and Income Tax)
जब आप संपत्ति की खरीद या बिक्री करते हैं, तो रजिस्ट्री (Registry) के माध्यम से यह संपत्ति कानूनी रूप से आपकी हो जाती है। इस प्रक्रिया में आयकर विभाग (Income Tax Department) आपके सभी कैश लेनदेन की जानकारी लेता है, जिससे आपके टैक्स का निर्धारण होता है।
सुरक्षित लेनदेन के तरीके (Safe Transaction Methods)
20,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए चेक (Cheque) या ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) का उपयोग करना चाहिए। ये नियम सरकार, सरकारी कंपनियों, बैंकिंग कंपनियों और केंद्र सरकार की कुछ निर्धारित संस्थाओं पर लागू नहीं होते हैं।
कैश लेनदेन की अधिकतम सीमा (Maximum Limit of Cash Transaction)
2015 में आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 269SS, 269T, 271D और 271E में किए गए बदलावों के अनुसार, आप केवल 19,999 रुपये तक का कैश लेनदेन कर सकते हैं। इस सीमा का उल्लंघन करने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना (Penalty) लगाया जा सकता है।
धारा 269T के तहत जुर्माना (Penalty under Section 269T)
अगर आपकी संपत्ति डील कैंसल हो जाती है और आपसे पैसे वापस कैश में मांगे जाते हैं, तो आपको धारा 269SS के तहत केवल 20,000 रुपये तक की रकम वापस करनी होगी। इससे अधिक राशि का वापस देना इनकम टैक्स की धारा 269T के तहत जुर्माने का कारण बन सकता है।